एक बार की बात है रामु नामक एक व्यापारी किशनपुर गाँव में रहता था । वह दूसरो को ब्याज पर पैसा देता था और सामान गिरवी रखके भी । एक आदमी चिमु उसके पास आया और उससे दस हज़ार रुपए मांगे । उसने अपनी सोने की अंगूठी गिरवी रख दी जोकि बहुत अनमोल थी । रामु का एक बेटा था शामू । जब चिमु दस हज़ार का क़र्ज़ उतारने गया और उसने अपनी अंगूठी मांगी , तो रामु ने कहा की उसकी अंगूठी चूहा खा गया। इस पर चिमु बहुत नाराज़ हुआ कि भला चूहा अंगूठी कैसे खा सकता है। उसने रामु के बेटे को कमरे में बंद कर दिया। रामु दुखी हुआ बेटे को ढूंढने निकला जब शाम तक वो घर नही लौटा । उसे रस्ते में चिमु मिला, रामु ने उसे बताया कि उसका बेटा खो गया है । तो इसपर चिमु ने कहा कि उसने देखा कि चील उसके बेटे को उठा ले गई है। रामु ने कहा कि एक 12 साल के लड़के को चील कैसे ले जा सकती है। वह चिमु से अनुनय विनय करने लगा कि बता दो कहाँ है । फिर चिमु ने कहा कि जैसे चूहा सोने की अंगूठी खा गया , ठीक वैसे ही चील उसके बेटे को ले उडी । रामु सब समझ गया उसने चिमु की अंगूठी लौटा दी और चिमु ने रामु को उसका बेटा।