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Tuesday, December 20, 2011

उल्लू की आँखें (लिथ्वानिया की लोक कथा)

बहुत समय की बात है जब जानवरों और पक्षिओं के पास आँखें नहीं थीं . तब एक दिन इश्वर ने उन सबको आँखें बांटने के लिए बुलाया.
- जो पहले आएगा सुन्दर आँखें पायेगा – उन्होंने कहा
सभी पशु पक्षी जल्दी जल्दी इश्वर के पास चले गए , सिर्फ उल्लू ही पीछे रह गया. वह लडखडाता हुआ इश्वर के पास पहुंचा. लेकिन जब तक वह वहां पंहुचा अँधेरा हो चूका था. इश्वर ने उसके लिए दो बड़ी बड़ी आँखें धुंदी जिससे की वह रात को भी देख सके. इश्वर ने इसलिए ऐसा किया क्योंकि वे उल्लू को रात को वहां ठहराना नहीं चाहते थे.
उल्लू ने वो आँखें ली और उसी समय रात को ही वहां से वापिस उड़ चला.
तभी से उल्लू रात में भी देख पता है.

हंगरी भाषा से हिंदी में अनुवादित

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